Arya P.G. College, Panipat

आर्य कॉलेज में हुआ मूक अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष मीटिंग का शानदार आयोजन


Image

आर्य पीजी कॉलेज में मंगलवार को वर्ल्ड होम इकोनॉमिक डे के अवसर पर मूक अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष मीटिंग का आयोजन अर्थशास्त्र विभाग की कौटिल्य एसोसिएशन द्वारा ‌करवाया गया। मीटिंग में मुख्य अतिथि के तौर पर आर्य कॉलेज प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेंद्र शिंगला ने शिरकत की। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता व प्रधान सुरेंद्र शिंगला ने मूक मीटिंग में भाग लेने वाले विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए सम्मानित किया। वहीं डॉ. गुप्ता ने इस मीटिंग के शानदार आयोजन के लिए अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सतबीर सिंह समेत सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी। मुख्य अतिथि सुरेंद्र शिंगला ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को इस प्रकार की गतिविधियों में पूरी जिज्ञासा के साथ भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलता है और साथ ही साथ नये-नये विषय के बारे में भी जानकारी मिलती है। प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख वित्तीय एजेंसी है, और एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसका मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी में है, जिसमें 190 देश शामिल हैं। इसका घोषित उद्देश्य "वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व भर में दारिद्र्ता को कम करने के लिए कार्य कर रहा है। इसकी स्थापना 1944 में हुई और इसने 27 दिसंबर 1945 को कार्य करना शुरू किया। अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सतबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मीटिंग में एक एमडी, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस, एक्झीकेटीव बोर्ड और रिप्रेजेंटेटिव कंर्टीज के तौर पर शामिल हुए। इस मीटिंग में इन सभी मेंबर की भूमिका अर्थशास्त्र विभाग के विद्यार्थी ही निभा रहे थे।  मीटिंग में विद्यार्थियों द्वारा यह बताया गया कि आईएमएफ कैसे अपनी मेंबर्स देशों की आर्थिक मदद करता है। अंत में उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में नैंशी, तान्या, अरूनिमा, शितल, आदित्या, सेजल ठकराल व शिवानी ने अलग-अलग देशों के रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर प्रथम पुरस्कार हासिल किया। इन विद्यार्थियों ने इस मीटिंग में अमेरिका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया महाद़विपों के देशों के रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर शिरकत करते हुए अपने-अपने सुझाव दिए की किस तरह से देशों की आर्थिक दशा को कैसे दुरुस्त किया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. रमेश शिंगला, डॉ. रजनी शर्मा, प्राध्यापिका अंजू मलिक, करिश्मा, मानसी, हिना व रितु मौजूद रहे।