Arya P.G. College, Panipat

आर्य महाविद्यालय में मनाया गया Zoo FEST - 2022


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आर्य महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा 'वन्य विद्यालय आयोजन जीन सप्ताह' समारोह का आयोजन 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक किया गया। माह की शुरुआत में मेडिकल संकाय के विद्यार्थियों को करनाल बुटाना के 'मछली प्रजनन केंद्र' में ले जाया गया | जहाँ उन्होंने कार्पस मछलियों की छः प्रजातियों को पालने की विधि का अवलोकन किया। यह हरियाणा का पहला फार्म है जहाँ अत्याधुनिक “Recycle Aquaculture System RAS” द्वारा वर्ष 2014 से पानी को Recycle कर मछली उत्पादन में पानी व भूमि की बचत से विलुप्त हो रही कैट विशिज को संरक्षित किया जा रहा है। प्राणी शास्त्र संगठन की संयोजिका ने बताया कि एक सप्ताह तक मनाए गए इस समारोह के दूसरे दिन विद्यार्थियों को मनाली 'वन्यजीव अभ्यारण्य’ ले जाया गया। देवदार, चैस्टनट, अखरोट, व मैपल वनों में स्थित यह हिमाचल प्रदेश की वन्यजीव सेंचुरी है जहाँ मस्क हिरण, ब्राउन भालू, बर्फीला तेंदुआ व पक्षी मोनाल की लोफ्यूफोरा प्रजाति पाई जाती है। ग्लेशियर जोन से पलायन करने वाली 'आइबेक्स' प्रजाति का अवलोकन किया। 3 अक्टूबर "वन विहार' मनाली का सर्वेक्षण कर विद्यार्थियों ने वहाँ के कीटों, पक्षियों जैसे जजुरान, मोटामिला, कोकलैश, कालिज, लाल जंगल मुर्गी, फिसेन्ट, तथा जानवरो जैसे नरवानर व बिल्ली प्रजातियों में कारकल, फिशिंग कैट, यूरेशियन लिंक्स, पाला बिल्ली आदि का वैज्ञानिक अध्ययन किया तथा जैवविविधता पर आगामी प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए रिपोर्ट तैयार की गई। 2 अक्टूबर को विद्यार्थियों संग सबने रोहतांग दर्रा जो कि समुद्र तल से लगभग 13,058 फुट ऊँचाई पर है, का अवलोकन किया। तेज वायु तथा अल्पसंख्यक वृक्ष होने के कारण यहाँ गिद्ध की एक - दो प्रजातियां ही दिखाई पड़ती है। टुंड्रा क्षेत्र होने के कारण यह जीव-जन्तुओं की प्रजाति कम ही हो दिखाई देती है। इसके विपरीत जब विद्यार्थियों ने सेब बागानों का विश्लेषण किया तो विभिन्न प्रकार के कीट - पतंगों जैसे कि ग्रीन ऐपल एफिड, सेब मोगाट, आदि को पाया।

प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में जितनी गुणवता किताबों के अध्ययन से प्राप्त होती है, उससे अधिक भ्रमण, यात्राओं से होती है और महाविद्यालय को विद्यार्थियों के स्वर्णिम भविष्य के लिए इस प्रकार के अवसरों को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। विभागाध्यक्षा डॉ. गीतांजलि साहनी ने बताया कि 6 व 7 अक्टूबर को जैवविविधता पर प्रदर्शनी लगाई गई। इसके तहत फोटोग्राफी, स्लोगन कम बुक मार्क, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका शीर्ष ‘एन इनडीवर टूवर्ड्स एनवार्यनमेंट एण्ड वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन’ रहा। आगामी 10 अक्टूबर को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित सुलतान सिंह ‘वर्कशॉप ऑन फिश ब्रीडिंग टेक्नीक’ आयोजित करेंगे। मछली उत्पादन की नवीन तकनीक 'एस्वापोनिक’ खेती जिसमें मछलियों के मल से पौधों को न्यूट्रिशन मिलता है, से भी अवगत कराएँगे। वीडियोग्राफी कविता भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका डा. गीतान्जली, प्रो. सुचेता प्रो. नवदीप करेंगे। प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन कार्यक्रम के सफल श्रेय प्राणी शास्त्र विभाग को दिया।

प्रतियोगिता के परिणाम --
फोटोग्राफी में प्रथम पुरस्कार पल्लवी बीएससी प्रथम वर्ष, तक्षिका बीएससी द्वितीय वर्ष, अंसुल बीएससी तृतीय और  दूसरा पुरस्कार अभय, आकांक्षा  बीएससी प्रथम वर्ष, सुंदरम बीएससी द्वितीय वर्ष और तीसरा पुरस्कार तमन्ना बीएससी द्वितीय वर्ष, मंजु बीएससी तृतीय वर्ष,  अंजली, दीक्षा, गौतम, कमल और निकिता प्रिया, प्रियंका  ने सांत्वना  पुरस्कार  हासिल किया।
कोलाज मेकिंग में प्रथम स्थान श्रुति ने, दूसरा स्थान अभय, तीसरा स्थान नेहा और सांत्वना  पुरस्कार वर्षा ने हासिल किया।
पोस्टर मेकिंग में प्रथम स्थान शिवानी और रशीदा, दूसरा स्थान अभय और मोनिका, तीसरा स्थान आकांक्षा और संकेत और सांत्वना  पुरस्कार श्रद्धा ने हासिल किया।
बुकमार्क कम स्लोगन राइटिंग में प्रथम स्थान शरले, दूसरा स्थान किरन, तीसरा स्थान नेहा देसवाल और नेहा धीमान, दीपिका, स्वाती ने  सांत्वना पुरस्कार हासिल किया।