Arya P.G. College, Panipat

कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी में भविष्य के रुझान विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ शानदार आयोजन


Image

आर्य पीजी कॉलेज के कंप्यूटर विभाग व निदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में दूसरे राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करवाया गया। सेमिनार का विषय “इनोवेटिव एंड फ्यूचरस्टिक ट्रेंड इन कंप्यूटिंग एंड इंटेलिजेंट इंफोर्मेशन टैक्नोलॉजी” रहा। राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के डीन ऑफ कॉलेज प्रो‐ अनिल वोहरा, मुख्य वक्ता चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कंप्यूटर विभाग से डॉ‐ विक्रम सिंह, विशिष्ट अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष प्रो‐ राजेन्द्र नाथ सिंह व सायं कालीन सत्र में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद से विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में डॉ‐ अनुपम भाटिया और केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ से प्रो. फूल सिंह और कंप्यूटर विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्रो‐ राजेंद्र सिंह ने शिरकत की। कॉलेज प्राचार्य डॉ‐ जगदीश गुप्ता ने सभी अतिथियों, मुख्य वक्ताओं का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत कर आभार व्यक्त किया।

कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रधान सुरेंद्र शिंगला ने अपने बधाई संदेश में सेमिनार के सफल आयोजन के लिए प्राचार्य डॉ‐ जगदीश गुप्ता व सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।

प्राचार्य डॉ‐ जगदीश गुप्ता ने स्वागत संबोधन में सभी अतिथिगणों व वक्तागणों का अभिवादन किया और साथ ही उन्होंने कंप्यूटर विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो‐ अदिति मित्तल और उनके सभी स्टाफ सदस्यों को सेमिनार के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। साथ ही यह भी  बताया कि कंप्यूटर विभाग द्वारा दूसरे राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन करवाया गया। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर और इंटरनेट के क्षेत्र में निरंतर नई-नई तकनीक आ रही हैं जिससे हर क्षेत्र में काम करने की सुविधा बढ़ती जा रही है। आने वाली युवा पीढ़ी इस क्षेत्र में नित नये-नये प्रयोग कर आगे बढ़ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाऐं हैं, आज के इस राष्ट्रीय सेमिनार में लगभग 180 शोधार्थियों ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि प्रो‐ अनिल वोहरा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय आई‐टी‐ का युग है। उन्होंने कहा कि आज आई‐टी‐ एक विस्तृत विषय है जिसकी वर्तमान में बड़ी चुनौतियां हैं। कोरोना की विषम परिस्थितियों के बीच ऑनलाइन अध्ययन और अध्यापन की प्रक्रिया से हमने यह सीखा है कि असंभव दिखने वाला कार्य तकनीक के सहारे ही संभव हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक मनुष्य के लिए जितनी हितकारी है उसकी अधूरी जानकारी उतनी ही विनाशकारी भी है। उन्होंने बताया कि आने वाला समय ऑटोनॉमस गाड़ियों का होगा।  

मुख्य वक्ता प्रो‐ विक्रम सिंह ने बताया कि आज तकनीक के सहारे साइबर क्राइम अपने पैर पसार रहा है । जिसके कारण फिशिंग समस्या, पोस्ट फिशिंग, ईमेल हैक, टेलीफोन नेटवर्क हैकिंग, डाटा डिडलिंग, ईमेल बॉम्बिंग, इंटरनेट टाइम थैप्ट इत्यादि अपराध किए जा रहे हैं। जो हमारे अंदर तकनीक के प्रति एक डर पैदा कर रहे हैं । इसका उपाय तकनीक का उपयोग पूर्ण जानकारी के साथ किया जाना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने आई‐टी‐ एक्ट की विभिन्न धाराओं के बारे में भी विस्तृत रुप से जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि ऑटोनॉमस तकनीक से चलने वाली गाड़ी को पिछली सीट पर बैठ कर चलाना क्या सुविधाजनक रहेगा। विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र नाथ ने कहा कि आई‐टी‐ सेक्टर के बढ़ते रुझान और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि वर्तमान का युग मशीनों के आपस में बात करने का युग है। यह एम टू एम तकनीक अपनी स्मार्टनेस के सहारे हमारे जीवन को भी स्मार्ट बनाती है। इंटरनेट ऑफ बॉडिज एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो शरीर के अस्थाई हो चुके अंगों को फिर से सक्रियता प्रदान करता और शारीरिक अंगों की गतिविधियों को नियंत्रित कर डेटा में बदल देता है। इस मशीनी दौर में जीवन जितना सरल और सहज हो रहा है उतना ही मनुष्य के आत्म नियंत्रण को समाप्त भी कर रहा है। भविष्य साइबर वॉर और इंर्फोमेशन वॉर का होगा। जिससे वही देश बच पाएगा जो तकनीक से पैदा होने वाली समस्याओं को सॉल्यूशन ऑफ वॉर के सहारे सुलझा पाएगा। इसलिए विद्यार्थियों को इंगित  करते हुए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी साइटों से उत्पन्न डिजिटल डस्ट के प्रभाव के प्रति आगाह किया। डॉ़‐ अनुपम भाटिया ने अपने संबोधन मे बताया कि आज तकनीक के सहारे असंभव को संभव किया जा सकता है। डेटा के इस युग में विस्तृत डेटा को किस प्रकार सूचना में तब्दील कर उपयोगी बनाया जा सकता है जैसे विषयों पर ध्यान दिलाया। उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि अनेक ऐसी साइटें और एप्स हमारे जीवन में हस्तक्षेप कर हमें डेटा में तब्दील कर रहे हैं जिससे डेटा चोरी होने का खतरा हमेशा बना रहता है । डॉ‐ फूल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कंप्यूटेशनल इमेज प्रोसेसिंग में अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डेटा बारे तकनीकी ज्ञान हासिल कर किस प्रकार अपने डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। जिसमें ऑप्टिकल इंक्रिप्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। डिजिटल फोटोग्राफी, स्पोर्ट्स एनालिसिस इत्यादि के बारे जानकारी दी। प्रो‐ राजेंद्र सिंह ने बताया कि तकनीक ने हमारी जीवन शैली में मजबूत पकड़ बना ली है। जिससे बच कर आगे बढ़ पाना नामुमकिन है इसीलिए तकनीक का समझदारी के साथ उपयोग होना चाहिए । उन्होंने यह भी बताया कि आई‐टी‐ और आई‐ओ‐टी‐ में नवाचार और अनुसंधान की अपार संभावनाऐं हैं । आज का सेमिनार शोधकर्ताओं, अकादमिक हलकों और चिकित्सकों के लिए शोध आधारित एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। इस अवसर पर कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सभी स्टाफ सदस्य एवं महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।