Arya P.G. College, Panipat

रंगमंच, सिनेमा और मीडिया के अंतर्संबंध विषय पर हुआ विस्तार व्याख्यान का आयोजन


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आर्य पीजी कॉलेज के जनसंचार विभाग द्वारा एक दिवसीय विस्तार व्याख्यान का आयोजन करवाया गया। व्याख्यान का विषय रंगमंच, सिनेमा और मीडिया के अंतर्संबंध रहा। व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर दूरदर्शन के वरिष्ठ ड्रामा निर्माता डॉ. राजीव राज ने शिरकत की। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता व कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रभारी डॉ. रामनिवास व सतबीर सिंह ने मुख्य वक्ता का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ दे कर स्वागत कर अभिनन्दन किया। प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार, शिवांक रावल, केशव शर्मा, विवेक शर्मा व गजल पांचाल को बधाई दी।

कॉलेज के सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रभारी डॉ. रामनिवास ने कहा कि नाटक और रंगमंच माध्यम है और माध्यमों का समन्वय भी रेडियो और सिनेमा के आने बाद नाटक इन माध्यमों के लिए सामग्री बन गया। बाद में टेलीविजन आ गया तो उसके लिए भी. हर नए माध्यम के आगमन को रंगमंच के अस्तित्व पर संकट बताया गया लेकिन रंगमंच और मजबूत होकर सामने आया.  क्योंकि रंगमंच में माध्यमों की  विशेषता को भी समाहित करने की क्षमता है. सिनेमा के दृश्यात्मक सजीवता का मुकाबला भले ही रंगमंच नहीं कर सकता हो लेकिन सिनेमा की मोंटाज तकनीक का रंगमंच में खूब इस्तेमाल हुआ. प्रकाश का खेल और उसकी संवेदनाओं को उभारने की क्षमता को रंगमंच में जो प्रयोग हुआ उसपर सिनेमा के असर से इनकार नहीं किया जा सकता। अंत में प्राचार्य ने कहा चाहे रंगमंच हो सिनेमा इन दोनों को सशक्त बनाने में मीडिया की अह्म भूमिमा है। हम इन तीनों अंतर्संबंध को नकार नहीं सकते।

मुख्य वक्ता डॉ. राजीव राज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पांचवां वेद नाट्य शास्त्र को कहा जाता है। और ये एक ऐसी कला है जिसमें सभी ज्ञान-विज्ञान विद्यमान हैं। विद्यार्थियों को यह भी बताया कि आप केवल एक विषय पर केंद्रित न होकर अन्य सभी विषयों की भी थोडी-थोडी जानकारी जरूर रखें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा सिखने के लिए अच्छे और बुरे का अंतर समझना भी जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को रंगमंच, साहित्य, संगीत व सिनेमा और मीडिया के विषयों की भी विस्तृत जानकारी दी। अपने व्यक्तव्य के अंत में उन्होंने मीडिया और सिनेमा की बदलती दशा और दिशा के बारे में अवगत करवाया। मंच संचालन प्राध्यापक केशव शर्मा ने किया।