Arya P.G. College, Panipat

विश्व उद्यमिता दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन


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शुक्रवार को आर्य पीजी कॉलेज में विश्व उद्यमिता दिवस के उपलक्ष्य में उद्यमिता-एक अवसरों का भंडार विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन करवाया गया। प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने सभी वक्ताओं का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डॉ. जगदीश गुप्ता ने करियर गाइडेंस एंव प्लेसमेंट सेल की संयोजिका प्रो. आस्था गुप्ता, समन्यवक डॉ. रजनी शर्मा, उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. मनीषा डुडेजा, संस्थान नवाचार परिषद के संयोजक प्रो. पंकज चौधरी व सह समन्यवक प्रो. अंकुर मित्तल को बधाई दी।

डॉ. गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया कि भारत को विकसित देश व आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यमिता की बहुत आवश्यकता है। एक उद्यमी केवल व्यवसाय ही नहीं बनाते और न ही अपनी व्यक्तिगत संपति बनाते हैं बल्कि वो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भूमिका निभाते हैं। उद्यमी सामाजिक परिवर्तन करके समाज या आस-पास जो समस्याएं हैं, उनके लिए भी समाधान ढूंढते हैं। इन्ही सवालों का उत्तर समझने के लिए आज की यह संगोष्ठी रखी गई, ताकि विद्यार्थी समझ सके की उद्यमी व उद्यमिता क्या है व एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए इसके क्या मायने हैं। आज की संगोष्ठी के वक्ता साहिल गांधी जो की खुद एक उद्यमी व डेवलपमेंट एक्सपर्ट हैं और इन्होंने उद्यमिता व अन्य विषयों पर कई पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य  में बताया कि आप उद्यमी किस तरह से बन सकते हैं। यदि आप नौकरी तलाश करते हैं लेकिन अगर आपको अपने सपनों को साकार करना है तो आपको उद्यमिता का सहारा लेना ही पडेगा। इन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए। लोक सेवा करने के लिए यूपीएससी देना भी जरूरी है लेकिन उद्यमी बनकर भी आप देश व समाज की सेवा कर सकते हो। उद्यमी बनकर आप अपनी आय को भी बढा सकते हैं। समय का इष्टतम प्रयोग करो। उन्होंने कई तरह के उदाहरणों द्वारा उद्यमिता को समझाया। विद्यार्थियों ने भी इसका आनंद लिया और संतुष्ट हुए। इस सत्र के दूसरे वक्ता सीए कुणाल कथूरिया जो पेशे से सनदी लेखाकार हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि किस तरह से स्टार्ट-अप शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन,डिजाइन व बौद्धिक संपदा अधिकार क्यों जरूरी है व किस प्रकार और कहां से प्राप्त किए जा सकते हें।इसको सरकारी वेबसाइट पर लाइव करके दिखाया। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों की संशय दूर किया।

अन्य वक्ताओं र्किति, एनीवेयर ट्रेवल्स डोर, मनीष मैनेजिंग डायरेक्टर बुध्धा ट्रेवल्स, गिरीश लखीना मैनेजिंग डायरेक्टर फैंटसी  ट्रेवल्स ने अपने वक्तव्य में बताया कि उन्होंने उद्यमी बनने की शुरुआत कैसे की व किन-किन बाधाओं व चुनौतियों को किस  प्रकार पार किया। उन्होंने बताया उद्यमी के लिए मार्केटिंग, ग्राहक संतुष्टि, कॉम्पिटीटीवनेस आदि बहुत जरूरी हैं। उद्यमी का विजन व फोक्स स्पष्ट होना चाहिए।

इस कार्यक्रम की समन्वयक टीम ने बताया कि एक उद्यमी वह होता है जिसके पास एक विचार होता है और जो अपने नये व्यवसाय के लिए अधिकांश जोखिम व पहल करता है। उसे एक नव प्रवर्तक के रूप में देखा जाता है। कोई भी देश उद्यमिता के विकास के बिना उन्नति नहीं कर सकता। उद्यमिता से जीवन स्तर में सुधार होता व समाज में समृद्धि बढ़ती है सीजीपीसी, ईडीसी, आईआईसी का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमियता के प्रति जागरूक करना है ताकि वो समाज व देश में अपना योगदान दे सके। जल्द ही महाविद्यालय उधमियता को बढावा देने के लिए उद्यमिता सृजन केंद्र स्थापित किया जा रहा है। मंच संचालन प्रो. प्रो. पंकज चौधरी ने मंच संचालन किया। उन्होंने बताया कि आज की संगोष्ठी में लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। वहीं वक्ताओं और अतिथियों का आभार डॉ. रजनी शर्मा ने जताया। सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. आस्था गुप्ता, डॉ. मनीष डुडेजा, प्रो. पंकज चौधरी, प्रो. अंकुर मित्तल, प्रो. अंजू मलिक, प्रो. सुनील, प्रो.पुरूषोतम समेत अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।