Arya P.G. College, Panipat

आर्य कॉलेज में पर्यावरण दिवस के अवसर पर हुआ राष्ट्रीय वेबीनार व विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन


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आर्य पीजी कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग,एफडीपी सैल व एनएसएस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वेबीनार व फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया। वेबीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर हरियाणा विज्ञान मंच के स्टेट सेक्रेटरी कृष्ण वत्स व “पानी बचाओ जन चेतना अभियान समिति” के संस्थापक सदस्य सतपाल अहलावत ने शिरकत की। प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने दोनों मुख्य वक्ताओं का शब्दों के माध्यम से स्वागत कर आभार व्यक्त किया और साथ ही प्राणी विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. गीतांजलि धवन, एफडीपी सैल के संयोजक प्रो.पंकज च ौधरी,एनएसएस इकाई के संयोजक प्रोफेसर विवेक गुप्ता,प्रिया गुप्ता व एनसीसी इकाई के संयोजक डॉ. विजय सिंह को वेबीनार व प्रतियोगिता के सफल आयोजन करवाने पर बधाई दी।

आर्य कॉलेज की प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि पर्यावरण दिवस पर हम सबको यह शपथ लेनी चाहिए कि हम पर्यावरण दिवस के अवसर पर ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए उन्होंने कहा कि युवाओं का इसमें बड़ा योगदान हो सकता है युवा किसी भी अवसर पर चाहे वो उनका जन्मदिन है या उनकी परीक्षा का अच्छा परिणाम आया है तो उस दिन और को यादगार बनाने के लिए उस दिन हम एक वृक्ष अवश्य लगाएं।


प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ’इकोसिस्टम रीस्टोरेशन’ रखी गई है। जिसका अर्थ होता है ’पारिस्थितिक तंत्र की बहाली’ करना। यानी इंसानों द्वारा पर्यावरण को हुए नुकसान से बचाने के सभी संभव प्रयास करना। विश्व पर्यावरण दिवस के इतिहास की बात करें तो, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 5 जून 1972 में की। जिसके बाद से पहली बाद वर्ष 1974 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज की एनसीसी इकाई के कैडेट्स ने अपने अपने गांव व शहर में अपने स्थानीय साथियों के साथ मिलकर वृक्षारोपण कर पर्यावरण दिवस को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

मुख्य वक़्ता कृष्ण वत्स ने अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति में हर जीव का जहाँ एक तरफ अपना महत्व है वहीं दूसरी तरफ प्रकृति में उपलब्ध पानी, मिट्टी, हवा सीमित रूप से ही जीवन को पाल सकती है। जिस तरह से प्रकृति सबको स्वतंत्र रूप से सब कुछ देती है वो ही अपेक्षा उसकी हम सबसे है और प्रकृति के इस संदेश को समझने में हम चूक गए। अन्य जीव-जन्तु निश्चित रूप से अपने हिस्से का योगदान इन्हें अपनपाने और बनाने के लिए करते हैं सिवाय मनुष्य के। पक्षी हो या जीव, पेड़ हों या पौधे सब प्रकृति को बनाए रखने में योगदान करते हैं।  मनुष्य को भी  पर्यावरण बचाने में अपना पूरा योगदान देना चाहिए अगर हम भी  पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ नहीं करेंगे तो हमारी आने वाली पीढी के लिए आॅक्सीजन भी नही बचा पाऐंगे।

वक़्ता सतपाल अहलावत ने बताया कि पर्यावरण दिवस व्यक्तियों को इस बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है कि वे किस तरह से पारिस्थितिकी तंत्र का उपभोग करते हैं और उन्हें हरित भविष्य के निर्माण के लिए कार्रवाई करने का मौका देता है। हर साल, समुद्री पौधे हमारे वायुमंडल के आधे से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, जबकि एक परिपक्व पेड़ हमारी हवा को शुद्ध करता है, 22 किलो कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, बदले में ऑक्सीजन छोड़ता है। इन सबके बावजूद, हम इंसान अपने पर्यावरण के साथ दुव्र्यवहार करते हैं। यही कारण है कि 5 जून को हमारे जीवन में पर्यावरण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्षा डॉ. गीतान्जली धवन ने  अपने लैक्चर में पुराने फल सब्जियों के बीज निकालकर विद्यार्थियों को दिखाए व घर में लगे नींबू के पेड़ पर बुलबुल के घोंसलें को बचाने के लिए पास में फूड सिक्योरिटी बोक्स को दिखाया व अन्य पक्षियों को बचाने के तरीके भी बताए। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी व पोस्टर बनाओ इ- प्रतियोगिताओं का भी आयोजन करवाया गया प्रतियोगिता के विषय सोईंग सीडस, प्लांट सेम्पलिंग व कोविड महामारी के बाद पर्यावरण की स्थिति रहे । उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के दौरान हुई आक्सीजन लेवल की कमी की पूर्ति के लिए हर विद्यार्थी को कम से कम एक पौधे का रोपण करना चाहिए व उसकी देखभाल करनी चाहिए।

एनएसएस इकाई के संयोजक प्रोफेसर विवेक गुप्ता ने बताया कि एनएसएस इकाई के विद्यार्थी समय-समय पर पानीपत शहर व आसपास के गांव में जाकर लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए संदेश देते हैं रैली निकालते हैं वह पर्यावरण दिवस के अवसर पर कॉलेज व आसपास के इलाकों में वृक्ष लगाने का कार्य भी करते हैं।

एफडीपी सैल के संयोजक पंकज च ौधरी ने बताया कि इस वेबीनार में कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राध्यापकों ने भी भाग लिया व दिल्ली,पंजाब,हिमाचल प्रदेश से भी बहुत सारे प्रतिभागी इस वेबिनार का हिस्सा बने।

प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे।

पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में मानसी और युविका दयाल सिंह कॉलेज,करनाल प्रथम,  द्वितीय स्थान पर सोनल आईबी कॉलेज,पानीपत , तीसरे स्थान पर प्रियंका पांचाल बीकॉम फस्र्ट ईयर आर्य पीजी कॉलेज,पानीपत, कंसोलेशन प्राइज प्रांजल डीएवी कॉलेज अंबाला सिटी।

फोटोग्राफी प्रतियोगिता में रितु कुमारी आर्य पीजी कॉलेज प्रथम, सोनिया अरोड़ा समध कॉलेज, खन्ना तृतीय स्थान पर प्रियंका एंड जैस्मिन आर्य पीजी कॉलेज,पानीपत, कंसोलेशन प्राइज हिंदू गल्र्स कॉलेज,सोनीपत।

 वीडियोग्राफी में प्रथम स्थान पर नवनीत कुमार एंड और अमन आर्य पीजी कॉलेज पानीपत द्वितीय स्थान पर रूबी केवीए डीएवी कॉलेज,करनाल, तृतीय स्थान पर आर्य पीजी कॉलेज पानीपत की सान्या और कंसोलेशन प्राइज आर्य कॉलेज,पानीपत की ख्याति ने हासिल किया ।

बेस्ट संदेश का पुरस्कार आर्य कॉलेज की छात्रा प्रेरणा को मिला।