Arya P.G. College, Panipat

आर्य कॉलेज के हिंदी साहित्य परिषद ने ‘हिंदी भाषा:वर्तमान और भविष्य’ पर किया संगोष्ठी का भव्य आयोजन


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दैनिक व्यवहार में अपनाएं मातृ-भाषा हिंदी : राहुल देव

-‘सन्नाटे में मौन नहीं रह सकते हम’ पुस्तक का हुआ विमोचन

आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी साहित्य परिषद, हिंदी विभाग द्वारा गणतंत्र दिवस के गौरवपूर्ण अवसर पर राष्ट्रभाषा हिंदी के संदर्भ में ‘हिंदी भाषा:वर्तमान और भविष्य’ विषय पर संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया। संगोष्ठी में मनस्वी लेखक,हिंदी सेवी राहुल देव बतौर मुख्य अतिथि,समाजसेवी विरेंद्र दुहन,संजीव दीक्षित ने शिरकत की। संगोष्ठी में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वरचित कविताओं की पुस्तक ‘सन्नाटे में मौन नहीं रह सकते हम’ का भी विमोचन किया गया।

प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने महाविद्यालय प्रांगण में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। राहुल देव का पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर भव्य स्वागत किया व संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नीरज ठाकुर व अन्य स्टाफ सदस्यों को बधाई दी। वहीं महाविद्यालय प्रबंधन समीति के प्रधान सुरेंद्र शिंगला,उप-प्रधान यशपाल मित्तल, महासचिव सीए कमल किशोर, कोषाध्यक्ष पीयूष आर्य ने संगोष्ठी के आयोजन पर प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता व संगोष्ठी के आयोजकों को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि इस तरह की गतिविधियों से विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ नया सीखने का अवसर मिलता है। मंच संचालन में प्रो.विजय ने अहम् भुमिका निभाई।

मुख्य अतिथि राहुल देव ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा के वर्चस्व को बचाने के लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा।  हमें अपनी मातृ-भाषा हिंदी को अपने दैनिक व्यवहार में लाना होगा। हमें आपसी वार्तालाप,विचारों का आदान-प्रदान हिंदी भाषा में करना चाहिए। शैक्षिक संस्थानों को हिंदी भाषा के प्रचार के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने बताया हिंदी भाषा को अंधेरे से उजाले की तरफ बढ़ाना होगा।

प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने कहा कि आज हिंदी भाषा पूरे विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना चुकी है। हमें हिंदी को सहज अपनाकर अपने व्यवहार में लाना होगा। आज हिंदी भाषा के बिना हमारा दैनिक व्यवहार अधूरा है। उन्होंने महाविद्यालय की विभिन्न सांस्कृतिक,खेल व शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि महावद्यिालय के विघार्थी शिक्षा के साथ-साथ प्रत्येक क्षेत्र में महाविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।

हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नीरज ठाकुर ने मुख्य अतिथि के साथ साथ सभी वक्ताओं को आभार जताया उन्होंने हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति पर चिंता वयक्त करते हुए कहा कि हमें मिलकर हिंदी भाषा को दैनिक व्यवाहार व कार्य-कलापों में लाना होगा। उन्होंने कहा कि  हिंदी ने हमें पूरे विश्व में एक नई पहचान दिलाई है।

युवा समाजसेवी संजीव दीक्षित ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी भाषा का तकनीक के साथ गहरा रिश्ता है जैसे जैसे नई नई तकनीक का विकास हो रहा है हिंदी भाषा भी नई पहचान बना रही है। उन्होंने श्रोतओं के साथ अपने अनुभवों को सांझा कर हिंदी भाषा की महता पर प्रकाश डाला। समाजसेवी विरेंद्र दुहन ने कहा कि हमें हिंदी भाषा पर गर्व होना चाहिए। आज पूरे विश्व में हिंदी भाषा ने अपना परचम लहराया है।

इस अवसर पर डॉ.अनिल काकड़ा, डॉ.विजय सिंह, डॉ.कंचन प्रभाती, प्रो.रीतु, प्रो.अकरम, प्रो.नजमा, प्रो.राजेश टुर्ण,प्रो.दिनेश,प्रो.एकता नंदा सहित अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।