Arya P.G. College, Panipat

प्राणी शास्त्र विभाग ने मनाया विश्व गौरैया दिवस


Image

आर्य कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग ने गौरैया संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विभाग के विद्यार्थियों को सुल्तानपुर राष्ट्रीय पक्षी अभ्यारण, गुरुग्राम, अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क व कियोलेडियो नेशनल पार्क भरतपुर, राजस्थान का शैक्षणिक भ्रमण करवाया। विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. गीताजंलि ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों ने प्रवासी पक्षियों व स्थानीय प्रजातियों की विस्तार से जानकारी ली और उनके रखरखाव में भूमिका निभाने का वादा किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने इंग्लैंड के महान ऑर्निथोलॉजिस्ट डॉ. जिम मुर्रे से बातचीत व व्याख्यान करके वहाँ की 250 पक्षियों की प्रजातियों के बारे में जाना जो हर वर्ष भारत में प्रवास करने आते हैं। भरतपुर में अफ्रिका से आए गोलिएथ हेरोन पक्षी, यूरेशियाई चोंच, छोटी मुर्गाबी, सारस क्रेन, पैलीकॉन बैंगनी, मूरहेन व सुल्तानपुर में आए जांघिल, ऐवोसेट, सटिल्ट, कॉमन पोचार्ड आदि आर्द भूमि पक्षी, मछली व घोंघे खाने की विधि के विडियो बनाए व इनके प्राकृतिक वास के संरक्षण के तरीके के बारे में जानकारी ली। उन्होंने यह भी बताया कि आज कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय,कुरूक्षेत्र के जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर ने “ हिस्ट्री एंड स्टेस ऑफ एनवायरमेंट कंर्जवेशन विद रेफरेंस टू वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। जिसमें मादा व नर पक्षियों को पहचानने के बारे में सिखयार व हरियाणा के महत्वपूर्ण प्रजनन पक्षी क्षेत्रों व रामसर स्थलों भिंडावास व सुल्तानपुर की जानकारी दी। साथ ही उनके शोध विद्यार्थियों द्वारा चिलचिला व बन्साई आद्रभूमि प्रजातियों पर किए गए शोध को दर्शाया।

डॉ. गीतांजलि ने बताया कि इस उपलक्ष्य पर पक्षियों के घोसलों व फोटोग्राफी, पोस्टर मेकिंग, बुक मार्क की प्रदर्शनी लगाई गई जिसका उद्घाटन प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता व डॉ. बब्बर ने किया। कविता पाठ, वीडियोग्राफी व निबंध लेखन की प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। प्रतियोगिता में नॉन मेडिकल व कम्पयूटर सांइस के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। शोध पोस्टर प्रस्तुति में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा श्रुति ने बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन का अवार्ड जीता। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि पंछी प्रजातियों के संरक्षण के लिए स्वयं कृत्रिम घोंसले बनाकर पेडों पर लटकाने से व घरों की छत पर धान, बाजरे की बालियां व पानी रखकर गौरैया को बचाया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. बलकार सिंह, डॉ. शिवनारायण, प्रो. शिखा गर्ग, प्राध्यापिका ललिता, प्रतिभा, प्रगति उपस्थित रहे।

प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे-

बुकमार्क व स्लोगन राइटिंग बीएससी तृतीय की नीतु ने प्रथम, बीएससी प्रथम वर्ष की आंचल ने दूसरा, कंप्यूटर साइंस के अजय तीसरा व शिवानी व स्नेहा ने संयुक्त रूप से सांत्वना पुरस्कार जीता। फोटोग्राफी में वर्षा शर्मा ने पहला, शिवानी रानी ने दूसरा, राधिका व तनिषा ने संयुक्त रूप से तीसरा व सैलजा, पल्लवी और नेहा धीमान ने सांत्वना पुरस्कार जीता। घोंसला बनाओं प्रतियोगिता में निकिता ने पहला, स्नेहा ने दूसरा, रूहानी ने तीसरा व नेहा और खुशी ने सांत्वना पुरस्कार अपने नाम किया।