Arya P.G. College, Panipat

आर्य कॉलेज की हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा किया गया वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन


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आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा संचालित हिन्दी साहित्य परिषद के तत्वावधान में अंत: महाविद्यालय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हिन्दी साहित्य परिषद समय - समय पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाती रहती है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों की तार्किक एवं स्चनात्मक समझ को विस्तृत करना है। प्रतियोगिता का विषय 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्चनात्मकता पर अंकुश हैं” इसमें महाविद्यालय के सभी संकायों (कला, वाणिज्य, विज्ञान इत्यादि संकाय) से विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया जिसमें विद्यार्थियों की संख्या पचास से अधिक रही। इस प्रतियोगिता में लगभना तीस विद्यार्थियों ने इस विषय पर के पक्ष और विपक्ष पर अपने विचार प्रस्तुत किए, पक्षीय विद्यार्थियों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मानवीय जीवन में लाभों का वर्णन करते हुए यह बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिक्षा के क्षेत्र में, कृषि के के क्षेत्र परिवहन के क्षेत्र में, बैंको के क्षेत्रों में, परिवहन के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी संपूर्ण भूमिका निभा रही है, जो मनुष्य के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है।

विपक्षीय विद्यार्थियों ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए जीवन में कृत्रिम बुद्धिमता के दुष्परिणामों के बारे में बताया कि यह नवपीढ़ी के लिए अत्यंत हानिकारक है, जो मनुष्य को सही और गलत सोचने की क्षमता को समाप्त कर रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए हिन्दी साहित्य परिषद के सदस्यों व सभी विद्यार्थियों को भविष्य में बढ़ चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया, उन्होंने उससे कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों के मानसिक कौशल के लिए लाभदायक है। इस प्रतियोगिता में मंच संचालन की भूमिका. विजय सिंह ने निभाई। निर्णायक मंडल की भूमिका में कम्प्यूटर साइंस विभाग की अध्यक्षा डॉ. अदित्ति मित्तल व हिन्दी विभाग को डॉ. शालिनी ने. निभाई। हिन्दी विभाग से गोपाल मलिक, प्रा. कविता मलिक और अन्य विज्ञान के सदस्यों ने परिषद के सदस्यों ने सम्पूर्ण सहयोग दिया।

इस प्रतियोगिता के परिणाम में इस प्रकार है-

प्रथम पुरस्कार नीतिश (बी. एस सी. प्रथम), द्वितीय ईशु (बी. ए. तृतीय), तृतीय खुशबू (बी. ए.द्वितीय) और दो सांत्वना पुरस्कार अनवर (पीजी डी. सी.ए), सुषमा (बी, कॉम. प्रथम)।